संगीत की दुनियां में उत्तर बिहार के जानेमाने तबला वादक उमेश गुप्ता जी अक्सर शस्त्रीय संगीत का गायक इन्हे मालदह आम की तरह रसीले तबला वादक कहते थे ।इनके हाथों सै तबले का बोल स्पष्ट एवं मिठे निकास होता था।

बनारस घराने के रमेश महराज का शिष्य कहे जाते हैं।बिहार प्रांत के खगडि़या जिले के झंझडा़ गाँव का रहने वाले थे। बाद में सपरिवार अपने माता- पिता के साथ सागरमल चौक खगडि़या में बस गये।यहां शारदा संगीतालय शुरु किया गया।
इनके पिता जी का नाम कैलाश प्रसाद गुप्ता ,ये तीन भाई में सबसे छोटे थे।बचपन से ही बडे़ कुसग्र एवं तिक्षण बुद्धी का थे। ये तबले के साथ वाइलिन भी बहुत अच्छा बजाते थे।बिहार सरकार में संगीत शिक्षक के रुप में साहू परबत्ता में कार्यरत थे।इन्हे चार पुत्री जो बिहार सरकार में bpsc शिक्षक +2 विद्यालय में कार्यरत है,एवं एक पुत्र जो कम्प्यूटर से किसी कम्पनी में कार्यरत है।
16जनवरी की सुबह दुनियां को अलबिदा कह कर चल बसे कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे ।